दिल के चंद एहसास
अनजाने में हुए गुनाहों का,
प्रायश्चित कर लो।।
फिर से न हो दोबारा,
ये दृढ़-संकल्प कर लो।।
दीवानगी में डूबकर करो,
ओम नमः शिवाय का जाप।।
और मन, वचन, कर्म से,
जीवन, गौरी-शंकर के नाम कर दो।।
----विचार एवं शब्द-सृजन----
----By---
----Shashank मणि Yadava’सनम’----
---स्वलिखित एवं मौलिक रचना---
Dilawar Singh
17-Dec-2023 11:16 PM
अद्भुत 👌
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Sachin dev
17-Dec-2022 05:08 PM
Superb 👌
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Abhinav ji
17-Dec-2022 08:58 AM
Very nice👍
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